Thursday 16 April 2015

Audition of movies Now and Then

 पहले की मायानगरी और अब का बॉलीवुड। जी हां, वो जगह जहां हर कोई अपनी किस्मत आजमाने पहुंचता है, लेकिन सफल उनमें से कुछ ही हो पाते हैं। भारत की ज्यादातर लड़कियां एक्ट्रेस बनने का सपना लेकर मुंबई आती हैं। ऐसा अब भी होता है और आज से 60 साल पहले भी होता था।
50 और 60 के दशक में भी कई लड़कियां फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए यहां स्क्रीन टेस्ट देने आती थीं लेकिन यह रास्ता इतना आसान नहीं था, जितना लोग समझते थे।
हम आपको दिखा रहे हैं 1951 की कुछ ऐसी ही अनदेखी तस्वीरों को, जो बॉलीवुड ऑडिशन की सच्चाई बयां करती हैं। ये तस्वीरें Life Magazine के फोटो जर्नलिस्ट 'जेम्स बुरके' ने तब खींची थीं, जब डायरेक्टर अब्दुल राशिद करदार अपनी फ़िल्म के लिए एक भारतीय व एक विदेशी लड़की का ऑडिशन ले रहे थे। अब्दुल राशिद करदार बतौर डायरेक्टर शाहजहां (1946), दिल्लगी (1949), दुलारी (1949) और दिल दिया दर्द लिया (1966) जैसी फ़िल्मों का निर्देशन कर चुके हैं।




courtesy- Dainik Bhaskar

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